प्रतापगढ़/कुंडा (ब्यूरो): सीडीओ की जांच में आवास घोटालें में प्रधान की भूमिका होने के कारण सीडीओ ने प्रधानों समेत अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश बीडीओ को दिया, लेकिन बीडीओ ने सीडीओ के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए तहरीर से प्रधानों का नाम गायब कर दिया और केवल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करवाकर मामलें से पल्ला झाड़ लिया।
जिले में आवास घोटाले के पर्याय बन चुकी बाबागंज ब्लाक में 3 दिसम्बर को सीडीओ राज कमल यादव के नेतृत्व में महेवा मलकिया, सरायखानदेव और पुरैलीमखदूमपुर में आवास प्रधान मंत्री आवास घोटालें की जांच की। जांच में तीनों गांवो में आवास घोटाले की पुष्टि होने के बाद सीडीओ ने बीडीओ बाबागंज को घोटाले बाज प्रधानों और सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने का आदेश दिया लेकिन बीडीओ ने बड़ी चालाकी से तहरीर से प्रधानों का नाम गायब कर दिया और केवल अधिकारियों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करवा दिया।
बीडीओ बाबूराम पाल की तहरीर पर महेशगंज थाने में सरायखानदेव के मामले में सहायक लेखाकार ओंकार सिंह, ग्राम रोजगार सेवक श्री पाल सरोज और अन्नू सिंह के खिलाफ 419, 420 और 409 आईपीसी के तहत तथा महेवा मलकिया के मामलें में पंचायत मंत्री उदय भान सिंह, सहायक लेखाकर ओंकार सिंह, पूर्व बीडीओ निरंकार मिश्र के खिलाफ भी उपर्युक्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि पुरैलीमखदूमपुर के मामले संग्रामगढ़ पुलिस ने तहरीर मिलने से इंकार किया है। इस संबंध में सीडीओ राज कमल यादव का कहना है कि तहरीर से प्रधानों का नाम क्यों गायब किया है.? इसकी जानकारी नहीं है। एफआईआर की कॉपी आने के बाद पुनः जांच कराई जायेगी।
रिपोर्ट – विश्व दीपक त्रिपाठी