आजकल देश के बड़े-बड़े साहित्यकारों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है I जिधर भी देखिये उधर से ही साहित्य जगत के बड़े-बड़े सितारे जो उन्हें सम्मान कभी उनकी कृतियों, रचनाओं के लिए मिले थे आज केंद्र सरकार को वापस कर दे रहे हैं I इन जाने-माने साहित्यकारों का केंद्र सरकार के ऊपर आरोप है कि आजकल देश के भीतर सांप्रदायिक शक्तियां अपनी चरम पर पहुँच गयी है I
देश के भीतर साम्प्रदायिकता की अधिकता होने की वजह से दंगे हो रहे है I समाज कई भागों में विभाजित होता जा रहा है और देश की एकता और अखंडता के लिए यह समाज खतरा बनता जा रहा है I इन्ही बातों का आरोप लगाते हुए देश के कई जाने-मानें साहित्यकारों ने अपने सम्मान को सरकार को वापस कर दिया है I
हाल ही में देश के प्रतिष्ठित समाचार चैनल ABP के एक कार्यक्रम के दौरान दुनिया और देश के मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने भी अपना पुरस्कार देश की सरकार को वापस कर दिया है I लेकिन इसी क्रायक्रम में हिस्सा ले रहे हिंदी साहित्य के एक बहुत बड़े नाम “गोपाल दास नीरज” जी ने केंद्र व मोदी की तारीफ़ करते हुए उन सभी साहित्यकारों के इस कदम को गलत बताया और कहा कि यह सभी भी अब राजनीति कर रहे है I उन्होंने आगे कहा कि यह आरोप मनगढ़ंत और गलत है I
पत्रकारों ने जब नीरज जी से पूछा कि क्या देश का माहौल ख़राब नहीं हुआ है, क्या देश में सांप्रदायिक शक्तियों का आज बोलबाला नहीं है दंगे नहीं हो रहे है ? पत्रकारों के इस सवाल का जवाब देते हुए मशहूर कवी ने कहा की मुझे तो कहीं नहीं दिख रहा है ऐसा ! मोदी तो हमेशा विकास की बात करते है I